गिरिडीह : भाकपा माले के बैनर तले सोमवार को झंडा मैदान गिरिडीह में राज्य की हेमंत सोरेन सरकार का विरोध किया गया और गिरिडीह नगर निगम का पुतला फूंका गया। इस दौरान विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा, पूर्व मुखिया फूल देवी, नेता निशान्त भाष्कर, मो मज़बूल,सनातन साव और एकलब्य ने पुतला दहन कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए कहा कि अब चरणबद्ध आंदोलन होगा।
होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी का विरोध
भाकपा माले नेताओं ने होल्ड़िंग टैक्स में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा कि बिना जनता के मजबूरी को जाने,बिना निगम बोर्ड में पास किए, बिना वार्ड कमिश्नर को संज्ञान में दिए, बिना जनता को बताए, होल्ड़िंग टैक्स में दो गुणा , तीन गुणा बढ़ोतरी गलत है। सुविधा के नाम पर नगरनिगम के द्वारा कुछ विशेष नहीं है। जो सुविधाएं मिलती है वो भी आधी-अधूरी है। नगर निगम के अधिकारी सुविधा पर बात नहीं करना चाहते हैं। माले ने जागरूकता के लिए सभी 36 वार्ड की जनता से आह्वान किया है कि विरोध में पुतला अवश्य जलाएं।
निगम को नई बिल्डिंग की खास जरूरत नहीं
माले नेताओं ने कहा कि नगर निगम की बिल्डिंग अभी अच्छी है। मरम्मती से और बेहतर हो सकता था। नए भवन की जरूरत वैसी नहीं है। किन्तु उसी जगह नए भवन बनाने की बात से साफ साफ झलकता है कि जगह भी वही चाहिए और बिल्डिंग को भी ध्वस्त करना है। इन्होंने कहा कि यदि बिल्डिंग फिर से बने तो अलग जगह बने ताकि इसी बिल्डिंग में कोई दुसरा सरकारी ऑफिस चल सके। डीसी आफिस इसका एक उदाहरण भी है।
निगम में संचालित दुकानों का क्या होगा
माले के नेताओं ने कहा कि नगरनिगम में 22 दुकानें है उनके जिंदगी का क्या होगा। जब तक बिल्डिंग बनेगी दुकानें तोड़ी जाएगी तब तक क्या दुकानदारों को मानदेय मिलेगा या इनके लिए दुकानें फिक्स की जाएगी उसी रेट में, जब तक दुकानदार बिल्डिंग बनने का इंतजार करेंगे तब तक इनको दुकान कहाँ मिलेगा। दुकानदार भी नगरनिगम के अड़ियल रवैए के खिलाफ एक जुट हो गए हैं। दुकानदार धीरज गुप्ता,धीरज केसरी,राजू गुप्ता,डॉ राम प्रसाद सिंह,बिजय वर्णवाल,बिकास वर्णवाल समेत अन्य दुकानदार आज पुतला दहन कार्यक्रम में आए और विरोध किया।
उजड़ जाएंगे लगभग 15 घर
भाकपा माले की ओर से कहा गया कि नगरनिगम के बगल में सफाई कर्मियों का घर है जिनकी संख्या लगभग 15 है। उनका भी भविष्य नगर निगम खतरे में ले जा रहा है। भाकपा माले उनकी लड़ाई भी लड़ेगा। परिवारों को उजाड़ने से पहले उनकी व्यवस्था करनी होगी।
इस दौरान कहा गया कि राज्य सरकार का इस प्रकार जनता पर बोझ देना सरासर गलत है। राज्य सरकार के निर्णय को भी नगर निगम की बोर्ड बैठक कर खारिज कर सकती है तो किस के दबाव में बोर्ड बैठक नहीं हुई। राजेश सिन्हा ने कहा कि जब तक सभी मुद्दे पर बात नहीं बनेगी तब तक लगातार आंदोलन जारी रहेगा।