नई दिल्ली : अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक बड़ा एलान किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अग्निवीरों के लिए CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का निर्णय लिया है। CAPFs के तहत सात संगठन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), सशस्त्र सीमा बल (SSB) और विशेष सुरक्षा समूह (SPG) हैं। इसके लिए अग्निवीरों को आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट दी गई है। वहीं अग्निवीर के पहले बैच के लिए यह छूट से 5 वर्ष की छूट होगी।
इसके पहले सरकार ने 2 साल से भर्ती नहीं होने के कारण अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं की अधिकतम उम्र की सीमा को इस वर्ष के लिए 21 साल से बढ़ाकर 23 वर्ष करने
गृह मंत्रालय का ट्वीट
गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
साथ ही गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है। और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी।
क्या है अग्निपथ
गौरतलब है कि सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की तरफ से अग्निपथ स्कीम लाई गई है। इसके टूर ऑफ ड्यूटी के तहत 18 से 21 साल के युवाओं को मेरिट और शारीरिक दक्षता के आधार पर नौकरी मिलेगी। जो 4 साल के लिए होगी। इनमें से 25 फीसदी युवाओं को परमानेंट किया जाएगा। सेवा अवधि में जो अग्निवीर रहेंगे उन्हें इन हैंड सैलरी 21 से 28 हजार तक मिलेगा। अग्निवीर का 48 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस कवर होगा। इसके लिए उन्हें अपनी सैलरी से कोई योगदान नहीं देना होगा। लाइफ इंश्योरेंस कवर के अलावा सर्विस के दौरान मौत हो जाने पर 44 लाख रुपये का एक्स ग्रेशिया भी मिलेगा। साथ ही जितनी सर्विस बची होगी उसकी सैलरी और उस बचे वक्त की सेवा निधि का हिस्सा भी मिलेगा। विकलांग होने पर सर्विस से बाहर हुए तो विकलांगता के आधार पर वन टाइम की आर्थिक मदद का प्रावधान होगा। इस दौरान अग्निवीरों की पढ़ाई भी कराई जाएगी। सेवा अवधि समाप्त होने पर अग्निवीरों को करीब 12 लाख रुपए देकर सेवा निवृत्ति दी दे जाएगी। सेवानिर्वित्त के बाद भी उन्हें CAPFs, असम राइफल्स आदि में भर्ती में छूट मिलेगा। इनके लिए 10 % सीट आरक्षित करने का फैसला लिया हुआ हैं । वहीं कई राज्यों के सरकार ने राज्य पुलिस में प्राथमिकता देने की बात कही है।
युवाओं का विरोध
देश के कई हिस्सों में भी अग्निपथ स्कीम के विरोध में युवाओं ने प्रदर्शन किया।
युवाओं ने कहा कि अग्निपथ के तहत सिर्फ़ चार साल के लिए ही भर्ती क्यों की जा रही है। इनमें से 25 प्रतिशत परमानेंट हो जाएंगे बाकी 75 प्रतिशत क्या करेंगे। सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भी कम से कम 10 से 12 साल की सर्विस होती है और आंतरिक भर्तियों में उन सैनिकों को मौका भी मिल जाता है। लेकिन ‘अग्निपथ योजना’ में चार साल की नौकरी के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को बाहर का रास्ता देखना ही पड़ेगा। इसके बाद वो कहां जाएंगे । इन्हीं 4 वर्षों में उन्हें महीनों प्रशिक्षण लेना होगा और इसमें छुट्टियां भी शामिल हैं। ऐसे में देश की सेवा कब करेंगे। युवा सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। कहा कि चार साल से ज्यादा समय से तो वे मेहनत ही करते हैं, फिर 4 साल की ही नौकरी क्यों लें ? सरकार को टीओडी वापस लेना चाहिए। युवाओं को 4 साल की भर्ती नहीं चाहिए।
युवाओं ने ये भी कहा कि 2020 में भर्ती के लिए फिजिकल और मेडिकल टेस्ट में सफल युवाओं की लिखित परीक्षा ली जानी चाहिए। नई बहाली प्रक्रिया के तहत अगले वर्ष नियुक्ति की प्रक्रिया होनी चाहिए। कहा कि लिखित परीक्षा को कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया था और अब पुरानी नियुक्ति प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया गया। जिससे इनका भविष्य खराब हो गया। अग्निवीरों को सेना के परमानेंट जवानों की तरह रिटायरमेंट के बाद न ही पेंशन मिलेगी और न एक्स सर्विसमैन वाली दूसरी सुविधाएं, जैसे- मिलिट्री कैंटीन और मेडिकल सुविधाएं वगैरह।