Monday, December 23, 2024
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गिरिडीह : लोकतांत्रिक तरीके से विरोध संवैधानिक अधिकार, किन्तु बिना नेतृत्व वाली भीड़ के चक्कर में ना पड़ें – राजेश सिन्हा

गिरिडीह : राज्य व जिले में कुछ दिनों से चल रही तनाव की स्तिथि को देखते हुए कैरियर कैंपस के निदेशक सह भाकपा माले के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने अपने विचार व्यक्त किए। 

राजेश सिन्हा ने कहा कि आजकल पूरे झारखंड के गली मुहले में भी केंद्र सरकार या राज्य सरकार के गलत नीतियों का विरोध होता है। कुछ छोटे स्तर का होता है कुछ बड़े स्तर का होता है। प्रशासन या राज्य सरकार या केंद्र सरकार भी लोकतंत्रिक को नहीं रोक पाती है लेकिन उसके नियम है और कानून है। उस नियम के तहत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के लिए एस डी एम को एक सूचनार्थ में आवेदन दिया जाता है ताकि आपका विरोध प्रशासन के नजऱ में भी दर्ज हो। प्रशासन के कई विंग विरोध का बड़ा बड़ा सटीक रिपोर्ट तैयार करते है। सरकार के संबंधित कार्यलय और अफसर को भेजते हैं। यह कानूनी प्रक्रिया है जो आपको दिखता नहीं है पर यह कार्य होता है। सीआईडी,इंटेलिजेंस विभाग आपके कार्यक्रमो पर रिपोर्टिंग करते रहते है। कभी कभी सबंधित जन प्रतिनिधि से भी कन्फर्म होते हैं। झारखंड में माहौल अभी बेहतर नहीं है इसलिये प्रशासन हाई एलर्ट पर है।

आंदोलन करने वाले लोग,पार्टी या संस्था अनियंत्रित भीड़ वाले प्रदर्शन से दूर रहें। यह खतरनाक होता है। उस भीड़ का कोई नेतृत्व नहीं होता है। इसलिए कोई लाठी तो कोई पत्थर चला देता है। फिर भीड़ नियंत्रित होती है, पत्थर मारने वाले भाग जाते हैं। भोली जनता या कुछ बेवकूफ युवा फ़स जाते हैं। ध्यान रहे ऐसे भीड़ को उकसाने के लिए कुछ षड्यंत्रकारी जो दूर से खड़े होकर भी भीड़ पर पत्थर भी फेंक सकते हैं और फेंकने के बाद ऑटोमेटिक जहां ज्यादा भीड़ है। उधर से भी पत्थरबाजी स्टार्ट हो सकती है। रिकॉर्डिंग में देर होती है लेकिन जो दे दनादन फेंकता है रिकॉर्डिंग उसी की होती है। आप बताने लायक नहीं रहेंगे कि पहला पत्थर किधर से आया और जब चारों तरफ से पत्थर चलती है तो सभी कैमरा एलर्ट हो जाते हैं। इसलिए अनियंत्रित जुलूस, अनियंत्रित भीड़ और जिस मोब का कोई नेतृत्व नहीं हो उस भीड़ में जाना मतलब आज के तारीख में अपने आप को असुरक्षित करना है। इसलिए ऐसे भीड़ से बच के रहे और आपके आसपास के लोग अगर ऐसे भीड़ में जाते हैं तो उनको भी दूर रहने को कहें। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि हर एक कौम में, हर एक दल में, कुछ कम्युनल सदस्य होते हैं जिनका काम होता है दिनभर भड़काना,आग लगाना। समाज के बारे में इन्हे कोई चिंता नहीं रहती है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर जिस पार्टी में हो या जिस सामाजिक संस्था में हो या जिस राजनीतिक संस्था में हो, उनको दूर करें। उन से परहेज करें। कभी कभी जेन्विविन मांग पर पुलिस घेराबन्दी करती है तो आप बहस में जा सकते है किन्तु तर्क विहीन न हो। पुलिस से यदि आप तर्क से बात करेंगे,इज्जत बरकरार रहेगा। 

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