माले नेता राजेश सिन्हा |
गिरिडीह : माले के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने एक कहा कि आज कल नफरत आम बात है। थोड़ी सी भी बात पर कम्युनल बाते होने लगती है। पिछले दशक से इस बात में तेजी आ गई है। ऐसे मुद्दे पुलिस के साथ आम जनता के लिए भी सरदर्द है। लोग परेशान होते हैं,रोज कमाने खाने वाले का घर चलना मुश्किल हो जाता है।
प्रशासन भी समय अभाव के कारण आनन फनन में खुद पूछ ताछ नहीं कर पाती है। थाना के मुखबिर जिनका मनसा सिर्फ खाना पूर्ति करना होता है, 4-5 नाम दोनों तरफ से प्रसाद के रूप में दे देते है। प्रशासन एक दो दिन समय लेकर क्रोस वेरिफिकेशन के बाद कारवाई करती तो और ठोस रिजल्ट आता। मैंने कई केस मुकदमों को पास से देखा है। थाना आम लोगों के लिए एक दहसत जैसी बन गई है। इस सोच को ताल मेल से ही हटाया जा सकता है। ख़ैर पचम्बा थाना में भी एक दिन जल्दबाजी हुई। केस मुकदमा तो अंतिम निर्णय है। दोनो कॉम को बैठवाकर आपसी भाईचारा बढ़ाने की पहल करनी होगी ।
श्री सिन्हा ने कहा कि माले ने 5-10 हजार लोगो की भीड़ में इसी पचंबा में परवेज गद्दी के मौत के बाद प्रशासन से तालमेल कर प्रवेज गद्दी की वाइफ के लिए नॉकरी और मुआवजा की बात सफल रूप से किया था। जिसके गवाह वो 10 हजार लोग और उस समय की प्रशासन है। ऐसे कई उदाहरण है। अब जनता, प्रशासन और जनप्रातिनिधि में ताल का प्रयास सिर्फ होली मिलन,मुहर्रम अखाड़ा के लिए ही होता है। इसलिए आपसी भेदभाव बढ़ गया है। जनप्रातिनिधि दूसरे जन प्रतिनिधि पर फर्जी मुकदमा करवाने लगे है। प्रशासन को अपने अनुसार चलाने का प्रयास करते है इसलिए भी आपसी दूरियां बढ़ी है। इसे तत्काल सुधारना होगा।
इन्होंने बड़े अधिकारियों से अपील की कि तत्काल बड़ा वर्क शॉप करें। गिरिडीह शांत है लेकिन आपसी आक्रोश से शांत्ति भंग की ओर जा रहा है। हमे और आपको शांति व्यवस्था बचाने की जरूरत है।