गिरिडीह: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गिरिडीह के कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर बिरसा चौक पर स्थित बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित एवं माल्यार्पण किया।
इस दौरान परिषद के वक्ताओं ने कहा की 1 अक्टूबर 1894 को नौजवान नेता के रूप में सभी मुंडाओं को एकत्र कर इन्होंने अंग्रेजो से लगान (कर) माफी के लिए आन्दोलन किया। 1895 में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और हजारीबाग केन्द्रीय कारागार में दो साल के कारावास की सजा दी गयी। लेकिन बिरसा और उसके शिष्यों ने क्षेत्र की अकाल पीड़ित जनता की सहायता करने की ठान रखी थी और जिससे उन्होंने अपने जीवन काल में ही एक महापुरुष का दर्जा पाया। उन्हें उस इलाके के लोग ‘धरती आबा’ के नाम से पुकारा और पूजा करते हैं। उनके प्रभाव की वृद्धि के बाद पूरे इलाके के मुंडाओं में संगठित होने की चेतना जगी।
मौके पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशीष सिंह, नगर सह मंत्री उज्जवल तिवारी, बबलू कुमार, विकाश चंद्रवंशी, नीरज चौधरी, शशिकांत वर्मा, गुलशन यादव,विशाल तिवारी, आशु सिंहा, बासुदेव केवट,तनु राज सिंह, गुड्डू स्वर्णकार इत्यादि लोग मौजूद थे।