गिरिडीह: सिरसिया स्थित श्री कबीर ज्ञान मंदिर में रविवार को श्रीमद्भगवत गीता जयंती का भव्य आयोजन किया गया। सदगुरू मां ज्ञान के सानिध्य में 551 व्रतियों द्वारा स्वर श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्याय का पाठ किया गया। इस अयोजन में जिले के अतिरिक्त आसपास के जिलों से भी कई श्रद्धालु शामिल हुए।
जानकारी दी गई कि कल द्वितीय दिवस में गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सनातन मूल्यों को स्थापित करने वाली, संस्कृति के पोषक यज्ञ का अनुष्ठान कर गीता जयंती की पूर्णाहुति हवन द्वारा की जाएगी।
इस अवसर पर सद्गुरु मां ज्ञान ने अपने दिव्य उद्बोधन में कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता परम रहस्यमय अद्भुत ग्रंथ है। चारों वेदों के विभाजन के पश्चात् महर्षि वेदव्यास ने एक लाख श्लोकों वाले महाभारत महाग्रंथ की रचना की, जिसे पंचम वेद की संज्ञा दी गई। इसी महाग्रंथ के भीष्मपर्व में उद्धृत है गीता, जो श्रीकृष्ण-अर्जुन संवाद के रूप में है। इसमें अठारह अध्याय, सात सौ श्लोक, नौ हजार चार सौ छप्पन शब्द हैं। गीता ग्रंथ अद्वितीय ग्रंथ है। यह महाभारत के महायुद्ध जैसे घोर कर्म के मध्य अर्जुन को श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेशों का संग्रह है। मां ज्ञान ने हिंदू संस्कृति के लोगों को अपने घरों में श्रीमद्भगवद्गीता रखने की अपील की।