गिरिडीह : बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शुक्रवार को विजय दिवस मनाया गया। सेवानिवृत्त सैनिक जनार्दन राय,नवीन कांत सिंह एवं प्रधानाचार्य शिव कुमार चौधरी ने दीप जलाकर 16 दिसंबर 1971 के ऐतिहासिक विजय के नायक रहे भारतीय सेना के वीर जवानों को नमन किया। इस अवसर पर शिवाजी सदन,टैगोर सदन,आर्यन सदन और रमन सदन के बच्चों के बीच समता की प्रतियोगिता हुई। प्रतियोगिता में विजयी शिवाजी सदन को पुरस्कृत किया गया। प्रधानाचार्य ने दोनों अतिथियों को अंग-वस्त्र एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया।
मौके पर जनार्दन राय ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 को भारत ने 13 दिनों तक युद्ध करने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध जीत लिया और बांग्लादेश अर्थात पूर्वी पाकिस्तान को आजाद करा दिया। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल नियाजी ने भारतीय सेना प्रमुख मानिक शाॅ और बांग्लादेश की मुक्त वाहिनी की संयुक्त सेना के समक्ष पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण भी था।आठ महीने बाद भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते के तहत इन युद्ध बंदियों को भारत से रिहा किया गया।
नवीन कांत ने कहा कि सैनिक का अर्थ सिर्फ युद्ध करना ही नहीं होता वरन देश सेवा भी एक लक्ष्य होता है।बच्चे बचपन में जो सोचते हैं उन्हें अपने जीवन में मूर्त रूप देने की भरसक कोशिश करते हैं।सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्र सेवा एवं राष्ट्रभक्ति की शिक्षा दी जाती है।हर्ष का विषय है।
कार्यक्रम की सफलता में अजीत मिश्रा,नलिन कुमार ,राजेंद्र लाल बरनवाल,राजेश नंदन समेत समस्त आचार्य दीदी का सराहनीय योगदान रहा।