रांची : झारखंड में चल रही उत्पाद कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान अब तक 12 अभ्यर्थियों की मौत हो गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा फैसला लेते हुए भर्ती परीक्षा को 3 दिनों के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर दी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ये लिखा
“जोहार साथियों…उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया में दौड़ के क्रम में प्रतिभागियों की असामयिक मृत्यु दुःखद और मर्माहत करने वाली है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाये गये नियमावली की अविलंब समीक्षा का निर्देश देते हुए हमने इस ढंग की भविष्य की सभी बहालियों के लिए नियमावली में बदलाव करने का निर्देश दिया है, साथ ही इस प्रक्रिया में दुर्भाग्यवश पीड़ित और शोकाकुल परिवार को सरकार की तरफ से तत्काल राहत पहुंचाने के लिए प्रस्ताव बनाने का भी निर्देश दिया गया है।एहतियातन अगले 3 दिनों के लिए हमने इस भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्देश दिया है। दौड़ का आयोजन अब प्रातः 9 बजे के बाद किसी भी सूरत में नहीं की जाएगी। जिन अभ्यर्थियों को दौड़ के पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण की जरूरत महसूस होगी उनके लिए चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था होगी तथा सभी प्रतियोगिता स्थलों पर प्रतिभागियों के लिए नाश्ते/फल का व्यवस्था होगी जिससे कि कोई भूखे पेट दौड़ में हिस्सा न ले। आखिर किन कारणों से हमारे गांव – समाज के अपेक्षाकृत स्वस्थ / चुस्त लोग, पूर्व से चली आ रही शारीरिक परीक्षा में हताहत हो जा रहे हैं, आखिर झारखंड सहित देश में पिछले 3-4 वर्षों में सामान्य जन के स्वास्थ्य में ऐसा क्या बदलाव आया है ? इन युवाओं की असामयिक मृत्यु के कारणों की समीक्षा करने के लिए, जिससे की भविष्य में ऐसी दुर्घटना घटित न हो, हमने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भी एक समिति का गठन कर परामर्श रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है।”
CM हेमंत सोरेन का पोस्ट
जोहार साथियों,
उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया में दौड़ के क्रम में प्रतिभागियों की असामयिक मृत्यु दुःखद और मर्माहत करने वाली है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाये गये नियमावली की अविलंब समीक्षा का निर्देश देते हुए हमने इस ढंग की भविष्य की सभी बहालियों के लिए नियमावली में बदलाव…
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 2, 2024
आपको बता दें कि इस भर्ती प्रक्रिया में अब तक 12 अभ्यर्थियों की जान जा चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा मौत पलामू में हुई है।
इधर इस मामले को लेकर विपक्ष राज्य सरकार पर खूब हमलावर है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया “मौत की दौड़” बन गई है और उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे और नौकरी की मांग की है।