गिरिडीह : समाहरणालय सभागार कक्ष में उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बुधवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर ‘राष्ट्र के निर्माण में मीडिया की भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ब्यूरो चीफ के अलावा पत्रकारगण शामिल थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला जनसंपर्क पदाधिकारी के द्वारा स्वागत भाषण कर किया गया। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस के शुभ अवसर पर आप सभी प्रेस बंधुओं को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की अनेकों शुभकामनाएं एवं बधाई। देश की आजादी से लेकर वर्तमान समय में पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। आज के कार्यक्रम में उपस्थित सभी पत्रकारों को मैं जिला प्रशासन की ओर से कृतज्ञता प्रकट करती हूं। आप लोग समाज में एक सेतु की तरह कार्य करते हैं। लोकतंत्र को सशक्त एवं मजबूती प्रदान करने में आप की अहम भूमिका है।
उपविकास आयुक्त की बातें-
कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त ने कहा कि आज के कार्यक्रम में उपस्थित सभी पत्रकारों को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की बेहद शुभकामनाएं। समाज को सशक्त करने में एवं लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में आपका अहम योगदान है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। इसके अलावा जिला प्रशासन एवं मीडिया में सामंजस्य स्थापित करना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
कहा कि भारत देश में विभिन्न भाषाएं, विभिन्न धर्म, विभिन्न जाति एवं विभिन्न प्रकार के लोग निवास करते हैं। साथ ही साथ विभिन्न भाषाओं में समाचारों का संकलन होता है। नेशन के रूप में हमें लंबी दूरी तय करनी है। भारत देश राष्ट्र भरने की प्रक्रिया में हैं। अत: आप सभी की भूमिका काफी सराहनीय है। प्रयास यह करें कि आमजनों के बीच सही समाचारों को पहुंचाया जाए एवं गलत तथा अफवाह कपड़ों पर रोक लगाया जाय। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है संवेदनशील स्थानों में भी योजनाओं का प्रचार आपके द्वारा लगातार किया जाता है। जिसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं।
प्रशिक्षु आईएस ने कहा-
प्रशिक्षु आईएएस ने कहा कि सर्वप्रथम सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधुओं को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज का दिन आप सभी के साथ साथ हम सभी के लिए भी बेहद खास है। लोकतंत्र एवं समाज के निर्माण तथा गांव-गांव तक विकास योजनाओं को पहुंचाने और लोगों को जागरूक करने में आप सभी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आज के दौर में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया का भी काफी महत्व है। पत्रकारिता के दौर में निष्पक्ष पत्रकारिता का काफी महत्वपूर्ण रोल है, जिस को ध्यान में रखकर आपको आगे बढ़ना चाहिए। आपके द्वारा प्रयास यह होना चाहिए कि आम जनों के बीच सच्ची खबरें प्रकाशित हो ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह या अन्य घटनाएं ना हो।
ASP ने कही ये बातें-
कार्यक्रम में उपस्थित एएसपी ने कहा कि राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आप सभी उपस्थित पत्रकारगणों को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि कलम की शक्ति तलवार की शक्ति से भी मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ एवं सशक्त लोकतंत्र तथा समाज के निर्माण में आप सभी की भूमिका को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में खबरों का प्रकाशन कई तरीकों से किया जाता है। शुरुआत में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। परंतु आज के दौर में पत्रकारिता में भी व्यापक परिवर्तन आए हैं। आज के दौर में लोग के द्वारा सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल किया जाता है। एक तरह से माने तो सोशल मीडिया का सकारात्मक के साथ-साथ नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर लोगों के द्वारा अपने मन की बात को तुरंत रखा जाता है साथ ही साथ कई व्यक्तियों के द्वारा सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव भी किया जाता है जिस पर रोक लगना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता बनाने में प्रेस का काफी अतुलनीय योगदान रहा है। महात्मा गांधी ने अपने कार्यकाल में कई देशों का भ्रमण किया, कई तरह की संवाद किया जिसको मीडिया ने लिखा और दिखाया ताकि देश की जनता महात्मा गांधी के विचारों से अवगत हो सके। उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माण में भी मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने इमरजेंसी को याद करते हुए कहा कि इमरजेंसी के दौर में भी प्रेस का काफी महत्वपूर्ण रोल रहा था। उन्होंने कहा कि स्थानीय मीडिया का भी काफी योगदान समाज के निर्माण तथा सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार में रहता है। आप लोगों के बारे में यह भी कहा जा सकता है कि आप सभी ने कई बार जान जोखिम में डालकर भी अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम टाइम्स ऑफ इंडिया के पेपर में एडवर्टाइजमेंट शुरू किया गया था जिसके बाद पेपरों में अखबारों में एडवर्टाइजमेंट का दौर आया। आपकी माध्यम से आमजनों को सरकारी योजनाओं के साथ साथ कानूनी जानकारी भी पहुंचाया गया।
DRDA डायरेक्टर की बातें-
कार्यक्रम में निदेशक डीआरडीए ने कहा कि आज के कार्यक्रम में उपस्थित आप सभी पत्रकारों को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस, 16 नवम्बर, भारत में स्वतंत्र एवं जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक है। इसी दिन भारतीय प्रेस परिषद् ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक नैतिक प्रहरी के रूप में कार्य करना आरंभ किया कि प्रेस न केवल एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में अपेक्षित उच्च स्तर बनाये रखे बल्कि यह किन्हीं बाह्य कारकों से प्रभावित या खतरों से अवरुद्ध न हो। हालांकि विश्व में कई प्रेस या मीडिया परिषदें हैं, परन्तु भारतीय प्रेस परिषद् अद्वितीय है क्योंकि यही एकमात्र ऐसा निकाय हैं जिसे, प्रेस की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के अपने कर्तव्य का पालन करते हुए राजतंत्रों पर भी प्राधिकार है। 1956 में प्रेस परिषद् की स्थापना की सिफारिश करते हुए प्रथम प्रेस आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला कि पत्रकारिता में वृतिक नीति को बनाये रखने का सबसे अच्छा तरीका यही होगा कि ऐसे लोग, जिनका कर्त्तव्य मूल रूप से मध्यस्थता करना हो, के एक ऐसे निकाय, जिसके पास सांविधिक प्राधिकार हो, को अस्तित्व में लाया जाए । इस उद्देश्य से भारतीय प्रेस परिषद् की स्थापना की गयी तथा यह निकाय, जिसे 16 नवम्बर, 1966 को विकसित किया गया, ने अपने उद्देश्य को पूर्ण रूप से सिद्ध किया है ।
16 नवम्बर देश में जिम्मेदार एवं स्वतंत्र प्रेस का आदर्श प्रस्तुत करता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता काफी चैलेंजिंग है, दिन प्रतिदिन पत्रकारों को काफी मुश्किलों का सामना करते हुए अपने कार्यों का निर्वहन करना पड़ता है। सशक्त समाज के नवनिर्माण में आप सभी का योगदान महत्वपूर्ण है। आज के दौर में कई लोगों के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से खबरों का संकलन किया जाता है, सोशल मीडिया के बारे में अगर बात करें तो सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार से लेकर कई सकारात्मक खबरों की जानकारी पहुंचती है इसके उपरांत सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव भी काफी है, जिसे लोगों को समझने की जरूरत है और समाज के साथ-साथ सोशल मीडिया का उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने हालिया दृश्य को बताते हुए कहा कि अभी से कुछ दिन पहले यूक्रेन और रशिया में भीषण युद्ध का आगाज हुआ था, उस दौरान विकट परिस्थिति में भी आपके द्वारा जिस तरीके से अपने कार्यों का निर्वहन किया गया तथा कोरोना काल में अपने जान को जोखिम में डालकर आपने खबरों का संकलन किया उसके लिए मैं आपको अनेकों अनेक बधाई देता हूं।
अन्य पत्रकारों की बातें-
इस अवसर पर दैनिक जागरण के पत्रकार ज्ञान ज्योति ने कहा कि आम जनमानस के बीच सूचनाओं के प्रचार प्रसार को लेकर हरे क्षेत्रों में मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। आज के कार्यक्रम में हम आप सभी वरीय पदाधिकारियों से मीडिया कर्मियों और प्रशासन के बीच एक सकारात्मक नजरिया की आशा करते हैं।
अरविंद कुमार, ब्यूरो चीफ, न्यूज लाइव 7 ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी है़ं इसलिये राष्ट्र की उन्नति में उन सभी का भागेदारी दूसरे स्तंभों से कम नहीं है़। उन्होंने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों और प्रणालियों के संबंध में बताया, उन्होंने कहा कि किस प्रकार हम नियमों के अनुरूप प्रेस कार्यों का उचित आकलन कर सकते हैं। साथ ही यह दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाये रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है।
प्रधान संपादक, जन की बात, विजय चौरसिया, ने कहा कि सर्वप्रथम आज के कार्यक्रम के आयोजन के लिए जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को धन्यवाद दिया। साथ ही साथ वरीय पदाधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया तत्पश्चात उन्होंने कहा कि सशक्त लोकतंत्र के निर्माण तथा संविधान निर्माण के साथ साथ ही स्वच्छ समाज के निर्माण में भी बढ़िया कर्मियों की भूमिका अहम रही है। उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों का प्रयास होना चाहिए कि प्रशासन और मीडियाकर्मियों के बीच एक बेहतर तालमेल और सामंजस्य स्थापित हो ताकि मीडिया कर्मी और प्रशासन अपने अपने दायित्वों का इमानदारी पूर्वक निर्वहन कर सकें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिले के पत्रकार अपने दायित्वों का निर्वहन करने में प्रयत्नशील रहते है़ं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के वर्तमान दौर में अब पत्रकारों का दायित्व सही खबरों का चयन करना व सही तरीके से लोगों के समक्ष प्रस्तुत करना चुनौती बन गयी है़, लेकिन यही चुनौती उन्हें एक अनुभवी पत्रकार बनाता है़।
इस अवसर पर अमर सिन्हा, ईटीवी भारत ने कहा कि पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। भारत एक लोकतंत्रिक देश है। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिये गये अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि जिले के पत्रकार निष्पक्षता, स्वतंत्रता और उच्च नैतिक मापदंडों का पालन करते है़ं।
न्यूज विंग के पत्रकार मनोज कुमार उर्फ पिंटू ने कहा कि आज की पत्रकारिता जिस ओर जा रही है, उस पर गंभीरता से पत्रकारों को ही विचार करने की जरूरत है़।
कार्यक्रम में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ब्यूरो चीफ के अलावा सभी पत्रकार बंधु उपस्थित थे।