गिरिडीह : भाजपा के बड़े नेता और पूर्व विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा भाजपा छोड़कर बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें शॉल या जेएमएम का पट्टा पहनाकर उनका जेएमएम में स्वागत किया। बीजेपी के लिए इसे एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
सीएम ने किया Tweet
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा
‘भाजपा से पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा जी समेत अन्य नेताओं एवं हजारों कार्यकर्ताओं का झारखण्ड मुक्ति मोर्चा परिवार में हार्दिक स्वागत है। वर्षों तक भाजपा राज्यवासियों का शोषण करता रहा। इनसे हर कोई त्रस्त रहा।
झामुमो में शामिल होने के लिए आप सभी को हार्दिक बधाई और जोहार।
जय झारखण्ड!’
कौन हैं जयप्रकाश वर्मा
आपको बता दें कि प्रो जयप्रकाश वर्मा जनसंघ काल के दिग्गज नेता स्वर्गीय जगदीश प्रसाद कुशवाहा के पुत्र व कोडरमा लोकसभा सीट से 6 बार सांसद रहे स्वर्गीय रीतलाल प्रसाद वर्मा के भतीजे हैं। जयप्रकाश वर्मा बाबूलाल मरांडी के गृह जिले से आते हैं।
क्यों हुए JMM में शामिल
कुछ दिनों पहले ही प्रो जयप्रकाश वर्मा ने फेसबुक पोस्ट से इस बात की ओर इशारा किया था कि वो भाजपा छोड़ महागठबंधन से चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने फेसबुक पोस्ट कर लिखा था।
‘आज परम पूज्यनीय जगदीश प्रसाद कुशवाहा जी और परम पूजनीय रीतलाल प्रसाद वर्मा जी की पावन धरती भंडारों (जमुआ प्रखंड, गिरिडीह जिला) में आयोजित राजनीतिक हालात पर संगोष्ठी में वरिष्ठ विचारकों, सामाजिक व राजनीतिक बुद्धिजीवियों ने ऐतिहासिक फैसला लिया। सबों ने मुझे एक स्वर में कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरने का आग्रह किया है । लोगों ने कहा यह जनता जनार्दन की आवाज है आप यूपीए से आईए हम सब आपके साथ हैं ।’
उपेक्षित महसूस कर रहे थे
दरअसल प्रो जयप्रकाश वर्मा पिछले कई महीनों से भाजपा में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। रघुवर सरकार के समय भी उन्होंने यह कहा था कि मुख्यमंत्री रघुवर दास विधायकों की एक नहीं सुनते हैं और विरोधियों को फायदा पहुंचाते हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से वे खुद को हाशिए पर महसूस कर रहे थे। उनकी मर्जी के विरुद्ध यहां संगठन का विस्तार किया जा रहा था। यहां तक चर्चा है कि समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई। सूत्रों का कहना है कि इस विषय को लेकर वह सांसद अन्नपूर्णा देवी और बाद में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से भी मिले लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
भाजपा से कब जुड़े
प्रो जयप्रकाश वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और पूर्व सांसद रवींद्र राय के कहने पर भाजपा की सदस्यता ली थी। पार्टी ने उन्हें विधानसभा से उम्मीदवार बनाया था। 2015 में वे विधायक भी बने लेकिन 2019 के चुनाव में उन्हें पार्टी से टिकट काफी मुश्किल से मिला उस चुनाव में जय प्रकाश वर्मा की हार हुई थी।