गिरिडीह : Sir JC Bose विद्यालय में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई गई। इस दौरान प्राचार्य मुन्ना प्रसाद कुशवाहा ने उनकी तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलन किया जिसके बाद विद्यालय की सभी शिक्षक शिक्षिकाओं और बाल संसद के विद्यार्थियों ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक राकेश कुमार सिंह ने किया।
जयंती पर संबोधित करते हुए कक्षा 9वीं की छात्रा मनीषा सिंह ने स्वामी विवेकानंद के विश्व धरातल पर किए गए कार्य पर तो दशम की छात्रा प्रज्ञा पाठक ने उनकी जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला।
प्राचार्य मुन्ना प्रसाद कुशवाहा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद उस दिव्य पुरुष के समान हैं जिनकी रोशनी से दार्शनिक भारत और आधुनिक भारत प्रकाशमान हो रहा है। विवेकानंद जी के मुख्य रूप से तीन प्रभाव देश-विदेश में परिलक्षित हुई । सबसे पहले उन्होंने एक संत के रूप में अपने दर्शन और ज्ञान से विश्व को आलोकित किया तो दूसरी तरफ शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में भारत की सभ्यता संस्कृति विरासत और धरोहर को सनातन धर्म के साथ इस कदर रखा की पूरी दुनिया इसकी कायल हो गई । तीसरा प्रभाव ये कि विवेकानंद ने भारत में युवाओं की शक्ति के सदुपयोग से ही एक विकसित और सुंदर भारत की परिकल्पना की थी।
आज पूरा भारत उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मना रहा है। विश्व धर्म सम्मेलन में सनातन धर्म की महत्व भारतीय संस्कृति की प्रतिष्ठा को स्थापित करते हुए जब उन्होंने संबोधित करना शुरू किया तो अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित अखबार द न्यूयॉर्क हेराल्ड ने मुख्य पृष्ठ पर विश्व धर्म सम्मेलन का नायक स्वामी विवेकानंद की हेडिंग से खबर छपी थी।
मुन्ना कुशवाहा ने कहा कि यदि हम विवेकानंद जी के जयंती को सार्थक बनाना चाहते हैं तो उनके द्वारा बताए गए मार्गों का आत्मसात करना ही एकमात्र विकल्प है। आज के भारत में विवेकानंद के दर्शन उनके विचार और उनके कामों को आत्मसात करें और भारत को विकास की एक नई ऊंचाई तक लेकर जाए।
कार्यक्रम में शिक्षिका संध्या संथालिया, गीता कुमारी सिंहा स्मिता प्रसाद सीमा बख्तर अनीता मिश्रा रेनू अग्रवाल इंद्रदेव साहू पुलेज मरांडी बम शंकर मंडल मोहम्मद अख्तर अंसारी अमरेश कुमार समेत सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं शामिल हुई।