गिरीडीह: झारखंड भाषा संघर्ष समिति जिला इकाई ने नई डोमिसाइल पॉलिसी को लेकर हर्ष व्यक्त किया है। शनिवार को समिति के अध्यक्ष मनदीप शर्मा के आवास पर प्रेस वार्ता की गई जिसमें समिति सह 1932 के खतियान से जुड़े समिति मोर्चा के सदस्य उपस्थित थे। प्रेस वार्ता की शुरुआत भगवान बिरसा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करते हुए नमन कर किया गया।
प्रेस वार्ता के संबोधन में समिति अध्यक्ष मनदीप शर्मा ने कहा कि दस महीने से चले आ रहे हैं संघर्ष के बाद 1932 आधारित खतियान झारखंड कैबिनेट की ओर से विधानसभा सत्र में पारित हो गया। इसके लिए उन्होंने झारखंड के सभी संघर्ष समिति और झारखंड सरकार को बधाई देते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब तक यह बिल संवैधानिक रूप से लागू नहीं हो जाती है। तब तक हम लोगों का संघर्ष समय-समय पर जारी रहेगा। संघर्ष समिति के संरक्षक राजेश वर्मा ‘मृदुल’ ने कहा कि अलग राज्य गठन के साथ ही 1932 का खतियान लागू हो जाना चाहिए था। परंतु दुर्भाग्य रहा कि 21 वर्षों के संघर्ष के बाद वर्तमान सरकार ने 1 माह पूर्व घोषणा के अनुसार कैबिनेट में बहुमत के साथ पारित हुआ।
कहा कि अब हम सभी केंद्र सरकार से यहीं उम्मीद करते है कि वे इसे 9वीं अनुसूची के आधार पर मंजूरी देकर पास करें। ताकि हमारे अधिकारों पर बाहरी लोगों का अतिक्रमण ना रहे। संघर्ष समिति के संयोजक छोटे लाल यादव ने कहा कि झारखंडी भाषा और 1932 का खतियान झारखंडियों की पहचान है। इसे लागू होने से यहां के मूल वासियों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में लाभ मिलेगा।
प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी श्याम कुमार,मंटू यादव, सुभाष कुमार, जितेंद्र चौधरी, ढालो दास, टिंकू राम, विनोद यादव, छोटु रजक, दिनेश कुमार, रितेश शर्मा, रोशन कुमार, भुनेश्वर चौधरी, रोहित कुमार, उपेंद्र पासवान आदि उपस्थित थे।