गिरिडीह : सदर प्रखंड के आदिवासी बहुल बेरदोंगा पंचायत के सभी गांवों का बिजली का लाइन 1 सप्ताह पूर्व काट दिए जाने से आक्रोशित लोगों ने रविवार को भाकपा माले की अगुवाई में एक मीटिंग की। मीटिंग के दौरान 24 घंटे के अंदर लाइन नहीं जोड़े जाने पर 26 जुलाई को डांड़ीडीह स्थित विद्युत अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन का ऐलान किया गया।
मीटिंग की अगुवाई भाकपा माले के गिरिडीह ग्रामीण सचिव पप्पू खान, किसान महासभा के नेता संजय चौधरी, स्थानीय मुखिया अर्जुन मरांडी, घनश्याम दास, अशोक हांसदा, चांदोलाल टुडू, रमेश हेंब्रम, शंकर कोल आदि ने करते हुए कहा कि 1 सप्ताह पूर्व ही समूचे बेरदोंगा पंचायत का लाइन बिजली विभाग के अधिकारियों ने काट दिया है और बार-बार आग्रह करने के बावजूद लाइन जोड़ा नहीं जा रहा है। कहा कि बकाया बिजली बिल के नाम पर लाइन काटने की बात विभाग के पदाधिकारी कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि बिजली का बिल कमोबेश समूचे ग्रामीण क्षेत्रों में है। ऐसे में सिर्फ बेरदोंगा पंचायत के साथ पक्षपात पूर्ण रवैया अख्तियार कर लाइन काट देना कहीं से भी उचित नहीं है। सभी ने एक स्वर में बेरदोंगा पंचायत की काटी गई लाइन तत्काल जोड़ने की मांग की।
इधर बैठक में मौजूद माले नेता सह अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि ग्रामीण उपभोक्ताओं के ऊपर बकाया बिजली बिल के लिए सीधे तौर पर पूर्ववर्ती सरकार जिम्मेदार है, जिनके शासन में बिजली विभाग के द्वारा ग्रामीणों को प्रति माह बिजली बिल उपलब्ध ही नहीं कराया गया। बाद में यही बिल धीरे-धीरे ब्याज सहित इतना बढ़ गया कि, अब उसे दे पाना गरीब उपभोक्ताओं के बूते से बाहर की बात हो गई है। कहा कि विगत विधानसभा के चुनाव में बिजली बिल माफ करने का भी नारा जोर-शोर से गूंज रहा था। देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के कर्जे माफ होते हैं, उन्हें हर तरह की रियायतें दी जाती हैं, तो फिर चुनावी वादे के अनुसार गरीबों के बकाया बिजली बिल भी माफ होने चाहिए।
श्री यादव ने बिजली विभाग के संबंधित क्षेत्र के अभियंता से बात कर इस समस्या से अवगत कराया और उनसे लाइन जोड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि ग्रामीण उपभोक्ता भी किश्तों में बकाया बिल जमा करना शुरू करेंगे। साथ ही अल्टीमेटम दिया कि यदि 24 घंटे के अंदर पंचायत के काटी गई लाइन नहीं जोड़ी गई तो 26 तारीख को विद्युत अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। आदिवासी बहुल बेरदोंगा पंचायत के साथ पक्षपात नहीं चलेगा।
मीटिंग में अन्य लोगों के अलावा संतोष राय, शिबलाल मुर्मू, त्रिभुवन यादव, अशोक हांसदा, शैलेंद्र हंसदा, लीलावती देवी, रामचंद्र कोल, चंदन कोल, टिंकू पंडित, युगल गोप, पिंटू कोल, रामवृक्ष कोल, देवीलाल दास, मदन दास, किशोर दास, घनश्याम पंडित, अनिल पंडित, कृपा हंसदा, मेरूलाल हांसदा, ईश्वर दास, गणेश पंडित, शंकर दास, सुरेश दास, यदु बेसरा, मनोज दास सहित बड़ी तादाद में बेरदोंगा पंचायत के निवासी मौजूद थे।