मकान बिक्री है का पोस्टर |
गिरिडीह : रविवार रात गिरिडीह के पचंबा हटिया रोड में हुए झड़प व पथराव के बाद दो समुदायों के बीच तनाव की स्तिथि उत्पन्न होने से यहां के स्थानीय लोग काफी भय और दहशत में है। खौफ का आलम ये है कि लोग मजबूरी में अपना घर बेच कर कहीं और शिफ्ट करने की सोचने को मजबूत हो गए हैं। करीब 100 से ज्यादा हिंदू धर्म के लोगों ने तो अपने मकान व दुकान के बाहर मकान बिक्री है का पोस्टर तक लगा दिया है।
इस बाबत मंगलवार को स्थानीय व्यवसाई सुनील साहू ने बताया कि यह छोटे व्यवसाई हैं। इनके दुकान का माल दुकान के बाहर भी पड़ा रहता है। पत्थरबाजी की स्तिथि में इन्हें काफी नुकसान होता हैं । ये व्यवसाई आदमी हैं। उपद्रवियों से ये बहस नहीं कर सकते। पत्थरबाजी व विवाद की स्तिथि में ये खुद को बचाएं या समान को बचाएं। बीते रविवार हुई घटना में भी इनको आर्थिक नुकसान हुआ है। ऐसे में मजबूरी में इन्होंने मकान बिक्री है का पोस्टर लगाया है। ताकि यहां से मकान बेचकर ये ऐसे इलाके में शिफ्ट कर जानें कहां ये खुद के सुरक्षित महसूस कर सकें।
व्यवसाई नितेश केसरी और अनिल केडिया ने बताया कि ये लोग काफी परेशान हैं। घटना में निर्दोष लोगो को भी पुलिस गिरफ्तार कर ले रही है। इनका कहना है कि दुकानों में सीसीटीवी कैमरा है। ये लोग दुकान में रहते हैं दिन भर दुकान में ही रहते हैं ऐसे में सीसीटीवी में अगर ये नजर आ जाएं तो पुलिस इन्हे भी उठा ले जाएगी। इनका कहना कि अगर इनके दुकान में आकर कोई बदमाशी करे और ये रोकें तो सीसीटीवी के आधार पर इनकी भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी। कहा कि ये तो कहीं नहीं जाते हैं उपद्रवी ही पत्थरबाजी करने आते हैं। अगर इन्हे सुरक्षा न मिले तो मजबूरी में इन्हें अपना आशियाना छोड़ना पड़ेगा।
संतोष कुमार ने बताया कि आए दिन हटिया रोड व रानी सती रोड में छोटे छोटे मामलों में पत्थरबाजी किया जाता है। दो महीने में ये पत्थरबाजी की दूसरी घटना है। बार बार एक ही जगह से पत्थरबाजी की जा रही है। आखिरकार पत्थरबाजी के समय अचानक से ढेरों के ढेर पत्थर कहां से आ जाते हैं। सड़क पर तो पत्थर पड़े नहीं होते हैं। फिर अचानक से पत्थर और लोग कैसे जुट जाते हैं। ऐसे में ये करें तो करें क्या अगर ये लोगों को रोकेंगे तो सीसीटीवी के आधार पर इनकी भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी ।
इन्होंने पुलिस से मांग की है कि सीसीटीवी फुटेज में जो लोग पत्थरबाजी करते नजर आ रहे हैं उनकी गिरफ्तारी हो और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए चाहे वह किसी भी पक्ष के हों। अन्यथा इन्हें मजबूरी में अपना घर और दुकान बेच कर कहीं और जाना पड़ेगा।