दिल्ली : इस दुनिया में कई खूबसूरत आइलैंड हैं जहां लोग शौक से छुट्टियां मनाने या घूमने जाते हैं। लेकिन एक ऐसा डरावना या भूतिया आइलैंड भी है जिसकी कहानी जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जलाए जाने के चश्मदीद इस आइलैंड को Island of death भी कहा जाता है। युरोप के इस सबसे डरावने आइलैंड पर आप आसानी से नहीं आ सकते क्योंकि सरकार खुद ये मानती है कि यह आइलैंड बेहद खतरनाक है और यहां असाधारण गतिविधियों यानी पैरानॉर्मल एक्टिविटीज की अनुभूति होती है।
कहां है यह आइलैंड
यह भूतिया या डरावना आइलैंड इटली (Italy) के वेनिस और लीडो शहर के बीच वेनेटियन खाड़ी में मौजूद है और इसका नाम पोवेग्लिया आईलैंड ( Poveglia island ) है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आइलैंड के राज से पर्दा उठाने कई लोग वहां गए। वहां रुककर इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की कि आखिर आइलैंड पर है क्या ? इन डरावनी कहानियों के पीछे का सच क्या है ? लेकिन ज्यादातर लोग वापस नहीं लौट सके। जो लौटे उन्होंने बस यही कहा कि का ये उनका सबसे बुरा अनुभव था। इस आइलैंड को इटली की सरकार ने बैन कर दिया है।
हुआ क्या था
इटली का पोवेग्लिया आइलैंड भी बाकी आइलैंड की तरह खूबसूरत हुआ करता था। लेकिन 16 वीं शताब्दी में इटली में प्लेग नामक बीमारी ने अपने पैर तेजी से पसारने शुरू किए। और इसी समय इस आइलैंड पर पहला ग्रहण लगा। इटली में लोग इस बीमारी की चपेट में आकर या तो मौत की नींद सो जा रहे थे या फिर मरने की कगार पर पहुंच रहे थे। पूरे यूरोप में इस बीमारी का असर सबसे ज्यादा इटली शहर में ही हुआ था। ये बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रही थी। इस तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने के लिए इटली की सरकार ने पोवेग्लिया आइलैंड को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया और प्लेग से पीड़ित सभी मरीजों को पोवेग्लिया आइलैंड में शिफ्ट करने का फैसला लिया। प्लेग से संक्रमित लोग जो जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे थे उन्हें इस आइलैंड में बने क्वारेंटिन सेंटर में शिफ्ट किया जाने लगा। चारों तरफ पानी से घिरा प्रकृति की सुंदरता को समेटा हुआ यह आईलैंड अब प्लेग के मरीजों के दर्द से कराह रहा था। इस आईलैंड को न सिर्फ प्लेग मरीजों का क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया बल्कि यहां प्लेग के कारण जिंदगी की जंग हार चुके लोगों का अंतिम संस्कार भी किया जाने लगा। धीरे – धीरे यह आइलैंड बीमार लोगों से भर गया और एक समय ऐसा आया कि लाखों की संख्या में मरीज यहां रहने लगे। बीमार लोगों को यहां ज्यादा से ज्यादा 40 दिनों तक रखने का फैसला लिया गया था। लेकिन प्लेग ने ऐसा कहर बरपाया था कि जो बीमार होकर एक बार इस आईलैंड में आ गया। उसे वापस घर जाने का मौका नहीं मिला। कुछ रिपोर्ट्स और इतिहासकारों के मुताबिक हालत इतने बुरे हो गए थे कि इस आइलैंड में करीब 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जला दिया गया।
कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। प्लेग के कहर के बाद काला बुखार नाम की बीमारी ने फिर से उत्पात मचाना चालू किया। इटली में उस वक्त प्लेग की तरह ही काला बुखार का भी कोई इलाज नहीं था। फिर से लोगों की जान इस बीमारी से जाने लगी। पोवेगलिया आइलैंड फिर से उन तमाम मौतों का गवाह बना क्योंकि काला बुखार से मौत के बाद डेड बॉडी को पोवेग्लिया आइलैंड में ही लाकर छोड़ दिया जाने लगा। खूबसूरत आइलैंड नर्क में तब्दील हो गया था।
कब से शुरू हुई डरावनी कहानी
साल 1922 में इस आइलैंड में एक मेटल हॉस्पिटल बनाया गया। अब तक हुई मौतों का साक्षी रहा यह आईलैंड अब मानसिक रूप से बीमार लोगों का ठिकाना बन गया और यहीं से शुरू हुआ आईलैंड पर भूत प्रेत और आत्माओं से जुड़ी घटनाओं के सामने का सिलसिला….. इस हॉस्पिटल में रहने वाले स्टाफ और मरीजों ने दावा किया कि उन्होंने इस आईलैंड में कई भूतों और आत्माओं को महसूस किया है। मरीजों का कहना था कि उन्हें प्लेग की बीमारी से मरे लोगों की आत्माएं दिखती है। आश्चर्य की बात ये थी कि कुछ डॉक्टरों ने भी यह माना कि आईलैंड में डरवानी आवाजें आती है। उन्हें भी कुछ अजीबोगरीब महसूस होता है। लोग दावा करने लगे कि रात के समय इस आइलैंड में जिंदा और मुर्दा लोगों में फर्क कर पाना मुश्किल हो गया था। यहां डॉक्टर मरीजों पर अजीबोगरीब और दर्दनाक प्रयोग करते थे। हालत ऐसे हो चुके थे कि ये समझना मुश्किल हो गया कि कोई व्यक्ति दिमागी रूप से बीमार है या उस पर किसी प्रेत आत्मा का साया है। लोग कहने लगे कि प्लेग से मरे लोगों की आत्माएं मानसिक रूप से बीमार लोगों को मार रही है। इसी बीच कई डॉक्टर्स और मरीजों की रहस्यमयी तरीके से मौत होने लगी। अस्पताल के डायरेक्टर ने भी ऊंचे टावर से कूद कर अपनी जान दे दी और अंततः इस मेंटल हॉस्पिटल को बंद कर दिया गया। अस्पताल तो बंद हो गया लेकिन अगर कुछ बंद नहीं हुआ तो इस आइलैंड पर अजीबोगरीब आवाजों का आना..लोगों की चीखें सुनाई देन….घंटियों की डरावनी आवाजें आना…. स्थानीय लोग कहते हैं कि जिस टावर से डॉक्टर ने कूद कर जान दी उसमे एक घंटी लगी थी जिसे हटा दिया गया था। लेकिन आज भी उस घाटी की आवाज वहां गूंजती है। कई लोग अनसुलझे रहस्य और सवाल का जवाब ढूंढने इस वीरान पड़ चुके आइलैंड पर गए। लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक अधिकांश लोग वापस नहीं लौट पाए। लेकिन जो चंद लोग वापस लौटकर आए भी उन्होंने बस यही कहा कि ये आइलैंड जीता – जागता नर्क है…. वहां कोई इंसान जाता है तो अपनी मर्जी से…. लेकिन उसका वापस लौटना उन आत्माओं के रहम-ओ-कर्म पर निर्भर करता है , जो इस आईलैंड पर राज कर रही है।
कोई नहीं बस पाया
इन सबके बाद भी इस आइलैंड को एक व्यक्ति ने खरीदा था लेकिन वह भी यहां नहीं रह पाया। लोग बताते हैं कि एक और शख्स ने इसे खरीदा और हॉलिडे होम बनाना चाहा लेकिन उसे भी इस आइलैंड को छोड़ना पड़ा। क्योंकि उसकी बेटी के चेहरे पर किसी ने अजीबोगरीब तरीके से काट लिया था जिसे ठीक करने के लिए 14 टांके लगाने पड़े थे। लोग कहते हैं कि रात में आप चीखें, विलाप और अजीब आवाजें सुन सकते हैं। कुछ रिसर्चर्स ने बिजली का कोई सोर्स नहीं होने के बावजूद द्वीप के पूरे परिधि के भीतर एक magnetic charge डिटेक्ट किया है।
जाल में हड्डियां
हालांकि इटली की सरकार ने इस आइलैंड को पब्लिक के लिए पूरी तरह से बैन कर दिया है…. किसी को भी न ही वहां जाने की इजाजत है और न ही कोई वहां जाने की हिम्मत करता है। कुछ मछुवारे इस आइलैंड के आस-पास मछली पकड़ने गए थे लेकिन अब कोई मछुवारा भी इसके नजदीक नहीं जाता है क्योंकि जाल में मछली फंसे या नहीं इंसानों की हड्डियां जरूर फंस जाती है।
कुछ सालों पहले आइलैंड की इमारत की मरम्मती करने का प्रयास किया गया था, लेकिन बिना किसी स्पष्टीकरण के काम को अचानक बंद कर दिया गया, जिसके बाद स्थानीय लोग यह कहने लगे कि आइलैंड में भटकने वाली आत्माओं ने उन्हें दूर कर दिया।
अपनी पुस्तक डार्क वर्ल्ड में, घोस्ट एडवेंचर्स के प्रमुख अन्वेषक ज़क बगान्स ने पोवेग्लिया के वेनिस द्वीप को “बुराई का ब्लैक होल” और “पृथ्वी पर मौजूद एक भयावह स्थान” के रूप में वर्णित किया है।
हाल ही में इटली की सरकार से इजाजत लेकर ब्रिटिश रिसर्चर्स मैट नादिन और एंडी थॉम्पसन ने आईलैंड का दौरा किया था। मैट ने कहा कि आइलैंड में जाना वास्तव में एक डरावना अनुभव था.. पुलिस ही नहीं , वहां के आम लोग भी इस आईलैंड का नाम सुनते ही डर जाते हैं . बेहद डरावना अनुभव था जब हम वहां थे , हमने घंटी बजने की आवाज सुनी जोकि काफी डरावना था… मैं इस अनुभव को जिंदगी में कभी नहीं भूलूंगा।