गिरिडीह: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बरगंडा में शनिवार को रंगोली और दीया सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। कक्षा 6 से 12 वी तक के छात्राओं ने प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
प्रधानाचार्य शिव कुमार चौधरी ने कहा कि रंगोली का अर्थ है रंगों के जरिए मन के भावों को उकेरना। रंगोली मन के तनाव को दूर कर तन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह हमारी प्राचीन परंपरा का अंग है। लंका पर विजय प्राप्त कर प्रभु श्री राम अयोध्या लौटे थे तो इस खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरी अयोध्या को दीप से सजा कर और दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। वहीं माता लक्ष्मी का घर में शुभ आगमन हो इसके लिए प्रत्येक भारतवासी अपने घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं जो शुभता का प्रतीक है। कन्या भारती प्रमुख सरिता कुमारी के नेतृत्व में छात्राओं ने विद्यालय प्रांगण में आकर्षक रंगोली बनाकर दीपों को सजाया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सुजाता प्रसाद,सबिता पांडे,अनिता कुमारी, कल्पना तिवारी,मधु श्रेय,प्रिया बिशाखा, राजेंद्र लाल बरनवाल,नलिन कुमार,अशोक ओझा एवं समस्त शिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान रहा।